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एक आदमी को लाला की गुलामी करते हुए देखा

मैंने एक कुत्ते को हड्डी चबाते हुये देखा  या एक आदमी को लाला की गुलामी करते हुए देखा , ना पेट भरा ना मन भरा , मैंने बस दुम हिलाते हुए देखा , अजब मज़बूर हैं आदमी  कि उसे दूसरे की मज़बूरी का फायदा उठाते हुए देखा , जो काम करता हैं उसको काम के बोझ से दबते हुए देखा , और जो चापलूसी करते हैं उसको आगे बढ़ते देखा , जब एक आदमी आगे बढ़ता हैं  तो उसके ऊपर वाले को भय के साये में जीते देखा , अपनी कुर्सी को मज़बूत करने के लिए , लोगो को लोगो को बदनाम करते देखा। सच क्या हैं फर्क नहीं पड़ता ,