बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?

बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?
नौकरी की तलास में भटक रहा नौजवान हैं ,
तिजोरी भर के बैठे हुए हुक्मरान है ,
न रोटी,न कपडा ,न मकान बस दूकान की दूकान हैं ,
तू बेरोजगार हैं या देश बेरोजगार हैं ,
बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?
आरक्षण अपराध हैं , देश शर्मसार हैं ,
जनतंत्र बलवान हैं या अपमान हैं ,
संख्या के दंभ में चूर सरकार हैं ,
बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?
योग्यनता की न फ़िक्र हैं ,
न मानव होने का सम्मान हैं ,
खुद के देश में फिरंगी -सा बर्ताव हैं ,
बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?
रोटी के तलाश में बिक रहा ईमान हैं ,
नीचो का मान हैं ,विदेसी सरकार हैं ,
टूट रहा घर ,टूट रहा समाज हैं ,
बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?
लूट या बिक गया मेरा वोट हैं ,
पेट या पीठ कौन -सा ये चोट हैं ?
चौराहे पर खड़ा कौन -सी अब राह हैं ,
बोल मेरे देवता कहाँ मेरा अधिकार हैं ?

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