सुशासन की जय हो ......(bhojpuri kavita)
बिलार के भागी सिकहर तुटत बा ,
अन्ना के माथे भाजपा मज़ा लूटत ता ,
परवल के जूस पिए के उ कहत रहे ,
इ भूरा बाल साफ़ कर के देखावत बा .
छोट छोट बात के बतंगड़ बनावत बा ,
दुनिया के सब दोष बढजतियन पर आवत बा ,
उ अज्ञानी बनवलस,इ शराबी बनावत बा ,
इ लौलीपोप खिया के सब के भरमावत बा ,
हाय रे लोग ! तू लोग केतना अभागा होए ,
गढ़ाहा से निकल के कुआँ में गिरत बा .
Copyright@Ranjan Mishra

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