आदमी जब कमजोर हो दुनिया उसकी हौसले तोड़ देती हैं ,
जब सबसे ज्यादा जरुरत  हो औरत  साथ छोड़ देती हैं।
समय पर सियासत अपनापन के सारे भ्रम तोड़ देती हैं ,
गरीबी जब मेहमान हो तवायफ भी रास्ता मोड़ लेती हैं।
दौलत से भरा हो आंगन तो हस्तियां मेहमान होती हैं ,
अनहोनी होने के पहले गौरैया आपका घर छोड़ देती हैं। 

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