सच मत बोल ,it is not allowed
घोट देते हैं गला ,
दबा देते हैं सच ,
इसे कहते है आज स्वतंत्रता ,
इसे ही कहते है लोकतंत्र ।
जिसकी लाठी ,उसी की भैस ,
अपने-अपने दुनिया के सब लठैत ,
शोषण सहने को आज अनुशासन कहते है ,
भाई ! इसे ही लोकतंत्र का शासन कहते हैं ।
बाँध के गले में टाई,
चमचमाते है जूता ,
बाप को गाली देने वाले ,
आज गढ़ते है सभ्यता की परिभाषा ।
Copyright@Sankalp Mishra
घोट देते हैं गला ,
दबा देते हैं सच ,
इसे कहते है आज स्वतंत्रता ,
इसे ही कहते है लोकतंत्र ।
जिसकी लाठी ,उसी की भैस ,
अपने-अपने दुनिया के सब लठैत ,
शोषण सहने को आज अनुशासन कहते है ,
भाई ! इसे ही लोकतंत्र का शासन कहते हैं ।
बाँध के गले में टाई,
चमचमाते है जूता ,
बाप को गाली देने वाले ,
आज गढ़ते है सभ्यता की परिभाषा ।
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