हर बात सच नहीं होती ,कैसे समझाऊं ?
दिन में भी रात होती हैं ,कैसे समझाऊं ?
सफ़र में हार-जीत नहीं होती,कैसे समझाऊं ?
जीने की कला सीख ले मेरे दोस्त ,
जिंदगी लंबी हैं और कदम कमज़ोर,
लाश बहुत भारी हो जायेगी ,कैसे समझाऊं ?
कुत्तों पर पत्थर नहीं मारते,कैसे समझाऊं ?
रात में धूप-चश्मा नहीं लगाते ,कैसे समझाऊं ?
हर पहेली समझ नहीं आती ,कैसे समझाऊं ?
अपने को अब समझना शुरू कर मेरे दोस्त ,
मंजिल दूर हैं और तुम अकेले ,
अब हार सहना मुश्किल होगा ,कैसे समझाऊं ?
जो चेहरा हैं वही हो जरुरी नहीं ,कैसे समझाऊं ?
रक्त में भी सफ़ेद कण होते हैं , कैसे समझाऊं ?
सबकुछ एक जैसा नहीं होता , कैसे समझाऊं ?
चीजों को परखने की कला सीख मेरे दोस्त ,
दुनियां जटिल हैं और तुम अनाड़ी,
अब तुम अबोध बच्चे नहीं रहे ,कैसे समझाऊं ?
Copyright@Sankalp Mishra
दिन में भी रात होती हैं ,कैसे समझाऊं ?
सफ़र में हार-जीत नहीं होती,कैसे समझाऊं ?
जीने की कला सीख ले मेरे दोस्त ,
जिंदगी लंबी हैं और कदम कमज़ोर,
लाश बहुत भारी हो जायेगी ,कैसे समझाऊं ?
कुत्तों पर पत्थर नहीं मारते,कैसे समझाऊं ?
रात में धूप-चश्मा नहीं लगाते ,कैसे समझाऊं ?
हर पहेली समझ नहीं आती ,कैसे समझाऊं ?
अपने को अब समझना शुरू कर मेरे दोस्त ,
मंजिल दूर हैं और तुम अकेले ,
अब हार सहना मुश्किल होगा ,कैसे समझाऊं ?
जो चेहरा हैं वही हो जरुरी नहीं ,कैसे समझाऊं ?
रक्त में भी सफ़ेद कण होते हैं , कैसे समझाऊं ?
सबकुछ एक जैसा नहीं होता , कैसे समझाऊं ?
चीजों को परखने की कला सीख मेरे दोस्त ,
दुनियां जटिल हैं और तुम अनाड़ी,
अब तुम अबोध बच्चे नहीं रहे ,कैसे समझाऊं ?
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