सैनिकों के शहादत बेकार ना होइ ,
ई गाल कबतक बाजायेम रउरा ?
मेहरारूआ जवन चूड़ी भेजले रहे प्रधानमंत्री के ,
पूछी ओकरा से कि साडी भेजब का ई बार रउरा ?
पुछला पर लोगवा खिसिया जा ता ये बार ,
सैनिक का मुर्गा हवे कि हलाल करेब रउरा ?
छपन इंच के छाती फुला के पहलवान बनत बानी ,
लोगवा कहत  बा मऊगन के सरदार बानी रउरा ।
कब तक शेर के खाल ओड़ के रहब ई गर्मी में ,
कही त बता दी सबके कि रंगल सियार हई रउरा ।
तीन साल से प्रचारमंत्री बनल बानी रउरा ,
लोग पूछत बा असली प्रधानमंत्री के नाम बताई रउरा ।
Copyright@Sankalp Mishra

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