मंदिर कहां , मस्ज़िद कहां ?
अब इस चर्चा को विराम दीजिए ,
आप अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा ,
एक अदद रोजगार दीजिए ।

हम हिन्दू हैं वो मुसलमान ये ऐतराज़ बंद कीजिए ,
मुल्क सबका हैं , सबके पूर्वज इसी मिट्टी में हैं ,
दबे मुर्दे उखाड़ कर मिलेगा कुछ भी नहीं ,
कल आज से बेहतर हो इसका इंतजाम कीजिए ।

गर लगे बांटने  यूं सब कुछ अपनी सहूलियत से ,
तो हर दीवार , हर गली , हर मकान बंट जाएगा ,
इंसान बस इंसान बना रहे वो औजार न बन जाए ,
आज इंसानियत को बचाने का कुछ उपाय कीजिए ।

Copyright@Sankalp Mishra

Comments

Popular posts from this blog

Reservation in India

कवि मरता नहीं हैं