गाज़ियाबाद में लाशें बिछी हैं , आज वो कहाँ हैं ?
गाज़ियाबाद में लाशें बिछी हैं , आज वो कहाँ हैं ?
जिन्हें फ़िक्र थी मानवता ,
जो जीते थे जनतंत्र के लिए ,
सेकुलर होने की रोटी खाने वाले ,
आज वो कहाँ हैं ?
गाज़ियाबाद में लाशें बिछी हैं , आज वो कहाँ हैं ?
जिन्हें अन्याय ,अत्याचार पचता नहीं ,
गुजरात पर जिनके कलम थकते नहीं ,
असम के कलंक पर मौन रहने वालों ,
आज आत्मा की आवाज़ कहाँ हैं ?
गाज़ियाबाद में लाशें बिछी हैं , आज वो कहाँ हैं ?
नहरें मौत की कब्रगाह बनी हैं ,
और औरतें हवस की शिकार ,
आग के हवाले हुए हैं नागरिक और सिपाही ,
दहशतगर्दो को समझाने वाले ,
सच का झंडा उठाने वाले ,
आज वो कहाँ हैं ?
गाज़ियाबाद में लाशें बिछी हैं , आज वो कहाँ हैं ?
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