जिंदगी के दौड़ में मैदान में खड़े रह

जिंदगी के दौड़ में मैदान में खड़े रह ,
जीत हो हार हो फ़ैसले पर अड़े रह ,
वक़्त के साथ पत्थर भी घिस जाता हैं ,
दिव्य संतान बस तुम युद्ध में भिड़े रह। 
हौसले जीत की नींव बन जाती हैं ,
गर्म ख़ून ही तलवार उठाती हैं ,
शौर्य -धौर्य एक साथ मिशाल बन जाती हैं ,
आलस त्याग रण -भूमि में कूद पड़ ,
जिंदगी के दौड़ में मैदान में खड़े रह ,
जीत हो हार हो फ़ैसले पर अड़े रह.

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