वो जो ऊपर बैठे हैं किससे डरते हैं ?
सच से ?
या सच उजागर होने से ?
बर्बाद कर दिया ये सुनने से डरते हैं ?
या ताबाह होने की आहत से डरते हैं ?

वो जो ऊपर बैठे हैं किससे डरते हैं ?
लोगो की अच्छाई से डरते हैं ?
या अपनी बुराई से डरते हैं ?
हमारे प्यार से डरते हैं ?
या अपने गुनाह से डरते हैं ?

वो जो ऊपर बैठे हैं किससे डरते हैं ?
जाति का जहर नहीं फैलने का डर हैं ?
या धर्म का उन्माद नहीं फैलने का डर हैं ?
या डर ये हैं कि अब लोग नहीं डर रहे ?
आखिर क्या हैं डर ?
वो जो ऊपर बैठे हैं किससे डरते हैं ?
Copyright@Sankalp Mishra

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