हास्य -रस ...........
घर में कमाई कम हैं ,
चार भाइयो का घर है ,
लड़की सुंदर सुशील हैं ,
अकेली संतान कुलीन हैं ,
मेरे बापू ने हामी भर दी ,
और मेरी शादी तय कर दी ,
मैंने कहा उसको कैसे खिलाऊंगा ?
उसके लिए लिपस्टिक पाउडर कहाँ से लाऊंगा ?
बापू बोले जो सब खाते हैं वही खाएगी ,
और दो चार सालो के लिए तो खुद ही ले के आएगी ,
सगाई ,शादी और विदाई सब हो गया ,
मैं हँसते इंसान से बेचारा बन गया ,
लोगो ने बधाई के साथ सलाह पिलाई ,
मेहनत करो और जल्दी से करो गोद भराई ,
साल भर में बापू की मुराद पूरी हो गयी ,
बहू दो जुड़वे बच्चे की माँ बन गयी ,
मुखिया जी ने सरकार से हमे ईनाम दिलवाया ,
हमने उन्ही पैसो से गाँव में बतासा बंटवाया ,
मेरी भी तबियत सरकार की तरह हो गयी हैं ,
जेब में फूटी कौड़ी नहीं लेकिन सब मज़े में कट रही हैं .

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