ब्राह्मण की आत्मकथा -२
RANJAN MISHRA ब्राह्मण की आत्मकथा -२ ब्राह्मणों ने नीव खोदी अपनी , फिर उसमे मठा डाला , और फिर चीनी , ... वो सारे उपाय किये , जिससे सर्वनाश हो सके, खुद के कुटुंब का , परिवार का , और हस्ती मिट सके सत्ता से , समाज से , और संस्कृति से . आपस की लड़ाई में , शूद्रो को राजसत्ता दिए , आरक्षण दिए , संरक्षण दिए , और चाबुक थमाया हाथो में , परिणाम आज बीबी की कमाई से , घर चलाते है और हाथियो के तलवे चाटते है , दिन-रात मेहनत कर के , रात को आधा पेट भर पाते है , बेटी,बहन और बीबी घर से बाहर जाती है और शुद्र मान -मर्दन करते है , सत्ता अब सपना है , अपमान धरोहर , अन्याय सच्चाई हैं स्वाभिमान मृग-तृष्णा .