ये मैं जानता हूँ .

फूलों को देख कर ,
क्यों बने है लोग चकोर ,
ये मैं जानता हूँ .
सत्ता के गलियारों में ,
जूता लेकर चड़ने वालों को ,
मैं जानता हूँ
सच का झंडा उठाये लोग,
कैसे सूरजमुखी बन जाते है ,
ये मैं जानता हूँ .
नौ शेरों पर,दस बकरियां
कैसे राज करती है ,
ये मैं जानता हूँ .
जनतंत्र ,वेश्या-तंत्र है
ये मैं जानता हूँ .
लूटकर देश को ,
पैसे कैसे विदेश जाते है ,
और विरोध करने पर,
कैसे पिटवाते हैं ,लतियाते हैं
ये मैं जानता हूँ .,
अनपढ़ और गवार,
जाहिल और बदमाश ,
बलात्कारी और हत्यारे
कैसे देश चलाते हैं
ये मैं जानता हूँ .

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