आरक्षण तो आरक्षण होता है
दे लो कितना भी तर्क ,
बहस छेड़ दो दुनिया में ,
ठहरा लो उचित कितना भी,
लेकिन आरक्षण तो आरक्षण होता है .
कितना भी हो मीठा ,
चाहे पूरी दुनिया पीती हो ,
लेकिन जहर तो जहर होता हैं .
कितना भी रगड़ लो साबुन ,
सिदियों उसे साफ़ करो ,
लेकिन कोयला तो कोयला ही होता है .
दूध पिलाओ जिंदगी भर ,
लाख प्रयत्न करो लो मित्रता का ,
लेकिन सांप तो सांप होता है .
कितना भी महान बन लो ,
विजय का धौस दिखा लो,
लेकिन मौत तो मौत होता हैं ,
झंडे उठा के घुमो ,
आन्दोलन खड़ा कर दो ,
बवाल मचाओ ,
या क़त्ल -ए-आम करो ,
लेकिन सरकार तो सरकार होती हैं .
बहस छेड़ दो दुनिया में ,
ठहरा लो उचित कितना भी,
लेकिन आरक्षण तो आरक्षण होता है .
कितना भी हो मीठा ,
चाहे पूरी दुनिया पीती हो ,
लेकिन जहर तो जहर होता हैं .
कितना भी रगड़ लो साबुन ,
सिदियों उसे साफ़ करो ,
लेकिन कोयला तो कोयला ही होता है .
दूध पिलाओ जिंदगी भर ,
लाख प्रयत्न करो लो मित्रता का ,
लेकिन सांप तो सांप होता है .
कितना भी महान बन लो ,
विजय का धौस दिखा लो,
लेकिन मौत तो मौत होता हैं ,
झंडे उठा के घुमो ,
आन्दोलन खड़ा कर दो ,
बवाल मचाओ ,
या क़त्ल -ए-आम करो ,
लेकिन सरकार तो सरकार होती हैं .
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