कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है
मित्र के वेश में करता प्रहार हैं ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
काया इसका काला हैं ,
कि कर्म इसका काला ,
आस्तीनों के सांपो का ,
यही तो धर्म है ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
नेता कि खाल में ,
कि अफसर कि लिवाज़ में ,
बाज़ार के इस भाव में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
आरक्षण कि आड़ में ,
कि जाति की की छाव में ,
कि धर्म कि बाज़ार में ,
कि भाषा की बयार में ,
की क्षेत्रवाद के अफीम में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
बिक चुके अखबार में ,
कि वेश्या TB चेनलो में ,
कि साहित्य के संसार में ,
कि विज्ञान के अहंकार में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
नशाखोरी की जिंदगी में ,
कि सेक्स कि गुलामी में ,
अहंकार कि लड़ाई में ,
कि डर के गहराई में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
FDI की में बहार में ,
कि महंगाई कि मार में ,
रिश्वतखोरी कि चाह में ,
आम्भी कुमारो के गाँव में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है
सुभाष कि लड़ाई में ,
कि गाँधी कि सच्चाई में ,
नेहरु कि अगवाई में ,
विरासत कि बेहयाइ में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
किसानो के आत्महत्या में ,
कि रोज़-रोज़ के दंगा में ,
काले और सफ़ेद के पंगा में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
मित्र के वेश में करता प्रहार हैं ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
काया इसका काला हैं ,
कि कर्म इसका काला ,
आस्तीनों के सांपो का ,
यही तो धर्म है ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
नेता कि खाल में ,
कि अफसर कि लिवाज़ में ,
बाज़ार के इस भाव में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
आरक्षण कि आड़ में ,
कि जाति की की छाव में ,
कि धर्म कि बाज़ार में ,
कि भाषा की बयार में ,
की क्षेत्रवाद के अफीम में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
बिक चुके अखबार में ,
कि वेश्या TB चेनलो में ,
कि साहित्य के संसार में ,
कि विज्ञान के अहंकार में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
नशाखोरी की जिंदगी में ,
कि सेक्स कि गुलामी में ,
अहंकार कि लड़ाई में ,
कि डर के गहराई में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
FDI की में बहार में ,
कि महंगाई कि मार में ,
रिश्वतखोरी कि चाह में ,
आम्भी कुमारो के गाँव में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है
सुभाष कि लड़ाई में ,
कि गाँधी कि सच्चाई में ,
नेहरु कि अगवाई में ,
विरासत कि बेहयाइ में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
किसानो के आत्महत्या में ,
कि रोज़-रोज़ के दंगा में ,
काले और सफ़ेद के पंगा में ,
कौन गद्दार हैं ,ये कौन गद्दार है .
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