सोनिया -उवाच
रुपया उठे ,बैठे या डूब जाए हमे क्या ?
ये हमारा देश थोड़ी ही हैं ,
लोग रेल से कटे या दंगे से मरे हमे क्या ?
ये हमारा देश थोड़ी ही हैं ,
लोग लुटे या सपने टूटे हमे क्या ?
ये हमारा देश थोड़ी ही हैं ,
धर्म बंटे ,जाति बंटे या भाषा हमे क्या ?
ये हमारा देश थोड़ी ही हैं ,
एक बार वोट मिल जाए फिर हमे क्या ?
ये हमारा देश थोड़ी ही हैं .
Copyright@ Sankalp Mishra
 

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