मुंह चिड़ाते नेता
मुंह चिड़ाते नेता ,
और हम चुप रहते है.
जनता के ये सेवक,
हमे लूट खाते है,
और हम चुप रहते है.
जिसका सरोकार लोगो के रसोई से,
उसकी चर्चा में संसद खाली रहती है,
जिसका सरोकार है लोगो के कमाई से,
उसकी चर्चा में संसद खाली रहती है,
जिस दिन चर्चा होती है मंहगाई पर,
उसकी चर्चा में संसद खाली रहती है,
और हम चुप रहते है.
और जब बात हो अधिकार की,
जब बात हो खैरात खाने की,
जब बात हो लाठी उठाने की,
जब बात हो लोगो को लतियाने की,
ये सबसे आगे खड़े होते है,
और हम चुप रहते है.
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