मैं रावण हूँ ,

मैं रावण हूँ ,
मैं तुम्हारे अंदर रहता हूँ ,
क्या तुम भी रावण हो ?
नहीं , नहीं तुम रावण नहीं हो ,
मैं रावण हूँ  ।
हर रोज मेरे अंदर कुम्भकरण जन्म लेता हैं ,
हर रोज मेरे अंदर मेघनाथ जन्म लेता हैं ,
और मैं पूरा का पूरा रावण हूँ ,
मुझे कोई राम मार नहीं सकता हैं ,
मुझे कोई भगवान् मिटा नहीं सकता है ,
मैं अमर हूँ ,
मैं अजन्मा हूँ ,
मैं रावण हूँ ।
Copyright@Sankalp mishra

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