विष वरदान मांग लाया
रेत, पत्थर ,पानी ,जंगल
शोषण ,अन्याय ,जबरन अमंगल ,
आदमी,लोग ,भीड़ ,बाज़ार
चाल,कपट ,अत्याचार
मैं विश्व केंद्र बनता अनायास
नित नए लगते कयास
देवी ,देवता ,पहलवान ,मेला
भ्रम ,भय ,लठैती .
कौवा ,कोयल ,कबूतर ,हंस
हत्या बलात्कार ,तरीके अनंत .
बादल ,बिजली ,पानी ,पौधे
किशोर बनाते भूमिगत मौत के घरौधे ,
मैं अमृत -पेय छोड़ आया
और विष वरदान मांग लाया ,
गर्मी,सर्दी ,शिशिर ,बसंत
देवता,दानव ,मानव कौन ?
बच्चा ,किशोर ,बुड्डा ,जवान
कुहकती ,कलपती सबकी जुबान ,
राम,कृष्ण ,अर्जुन,कर्ण
कंश,रावण अनेको वर्ण
मै क्यों बनता हरिश्चद्र ?
कहाँ सूर्य अलोक में बिम्ब-चन्द्र .
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