पर तुम कमजोर नहीं

बैक है ,बदनाम है
बलवान ही सही ,
कदम-कदम पर
लोगो की ओछी निगाह भी सही ,
पर तुम कमजोर नहीं,
लाचार, हताश नहीं .
बैक है ,बुरा है ,
असमान दूर है ,सही
हर बार ,हर कदम पर ,
मिल रही हार दर हार ,सही
पर तेरे हौसले पस्त नहीं ,
तेरे बांहों का प्रचंड बल कम नहीं .
बैक है ,बदकिस्मती है ,
भगवान् का गुस्सा भी ,सही
आगे गहन अँधेरा ,
अँधेरे का सफ़र भी,सही
पर तेरी रौशनी कम नहीं
तेरे कर्म की कथनी कम नहीं .
बैक है,बलजोर है ,
तानाशाह भी ,सही
आकाओ का फरमान भी,सही
दोस्तों के आँखों में ,
समाज के बातो में,
निठल्ला ,कमजोर ,
होने का अहसास भी,सही
पर तेरे आँखों का उत्साह कम नहीं,
तेरे पैरो का पड़ाव कम नहीं.

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