बिहार-बंद

जिंदगी के राह पर ,
आकर क्यों हम रुक गये,
कमर तो अभी सीधी ही है ,
फिर हम इतना कैसे झुक गए ?
इस महान भारत के कर्णधारो का ,
बिहार को बर्बाद करना अभी बाकी है ,
गाली, अपमान का पर्यायवाची,
बिहार में भारत नहीं .
अरे ! अभी तो बहुत कुछ देखना बाकी है ,
अभी से टूट गए ,इतनी जल्दी झुक गए ?
अभी तो एक-एक जगह ,कोने-कोने से,
निकाला जाना बाकी है ,
हर बिहारी को ,
बीच सड़क पर दुद्कारा जाना बाकी है.
तुम भोले हो तो क्या हुआ ,
प्रतिभा के धनी हो तो क्या हुआ ,
तुम भूखे हो तो क्या हुआ ,
तुम पानी पी कर सोते हो तो क्या हुआ ,
अरे ! अभी तो तुमको एक-एक रोटी के लिए ,
द्वार-द्वार फटकारा जाना बाकी है ,
अभी से झुक गए,इतनी जल्दी टूट गए ?
कोई अरबो लुटे तब भी तुमको ,
इक सिक्का नहीं छुपाना है ,
भूख से अगर मार भी जाओ ,
आवारा लाश बन जाना है ,
अरे कोई देश बर्बाद कर दे ,
तब भी तुमको क्या हुआ ,
अरे तुम गुलाम ठहरे ,
तुम्हरा भारत से क्या नाता है ,
इस देश में हर बिहारी खून देने आता है ,
बदले में अपमान गरल पी कर सो जाता है .
अरे अभी से तुम चिंतित ?
अभी तो तेरे देह में कई कतरा बाकी है ,
अभी से झुक गए,इतनी जल्दी टूट गए ?
अटल ने बिहारी होने से ,
इनकार किया तो हुआ ,
पूरी योग्यता होने पर भी ,
कॉलेज से निकाल दिया तो क्या हुआ,
अभी तो सड़को पर नंगे घुमाना बाकी है ,
अभी से झुक गए,इतनी जल्दी टूट गए ?
कोई अपना आंगन न देखे ,
तब भी तुमको क्या हुआ ,
धर्म को कोई आतंक बना दे ,
तब भी तुमको क्या हुआ ,
अयोध्या को श्मशान बना दे ,
तब तुमको क्या हुआ ,
तुम्हरा सामाजिक बहिस्कार अभी बाकी है ,
अभी से झुक गए,इतना लड़ी टूट गए ?

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